कहते हैं कि अगर इंसान के अंदर कुछ करने की चाहत हो तो वह कुछ भी करके दिखा सकता है. इंसानियत की काबिलियत और उसका जज्बा दुनिया में हर काम को संभव कर सकता है. आज हम आपको एक ऐसे ही भारतीय के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें आईसीसी को झुकने पर मजबूर कर दिया था. इस व्यक्ति के काम में हिंदुस्तान का भी नाम रोशन किया.
जैसा कि आप सभी जानते होंगे कि क्रिकेट का जन्मदाता इंग्लैंड है और क्रिकेट का संचालन एनसीसी करती है. क्रिकेट के लिए कुछ नियम भी बनाए गए हैं. क्रिकेट के सभी नियम पहले इंग्लिश में हुआ करते थे. जिसके बाद बदलाव कर कुछ अन्य भाषाओं में भी क्रिकेट के नियम उपलब्ध हुए. लेकिन हिंदी में क्रिकेट के नियम उपलब्ध नहीं थे. यह देखकर काफी अजीब लगता था कि जिस देश में सबसे ज्यादा क्रिकेट खेला जाता है. जहां सबसे ज्यादा क्रिकेट प्रेमी है. उस देश के लिए क्रिकेट के नियममातृभाषा में ही उपलब्ध नहीं है.
यह बात एक आम भारतीय को काफी चुभती .थी उसने क्रिकेट के सभी नियमों को पहले तो हिंदी भाषा में ट्रांसलेट किया और उसके बाद बीसीसीआई से संपर्क किया. बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने तुरंत ही इस व्यक्ति की बात सुनी और आईसीसी के ऊपर दबाव बनाया कि हिंदी भाषा में भी क्रिकेट के लिए उपलब्ध होने चाहिए. आईसीसी को बीसीसीआई और इस भारतीय के आगे झुकना पड़ा और एनसीसी की आधिकारिक वेबसाइट पर पहली बार हिंदी में क्रिकेट के सभी नियम उपलब्ध हुए.
अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा करने वाला भारतीय कौन था. बता दें कि यह काम इंदौर के रहने वाले राजीव ने किया, जो कि क्रिकेट के अंपायर रह चुके हैं. राजीव 1976 से 2016 तक बीसीसीआई पैनल के अंपायर चुके हैं. लॉकडाउन के दौरान राजीव ने क्रिकेट के नियमों को ट्रांसलेट करने का काम पूरा किया और बीसीसीआई से संपर्क किया. बीसीसीआई ने तुरंत एनसीसी को प्रस्ताव भेजा और आईसीसी और एनसीसी ने इसको तुरंत ही स्वीकार कर लिया.