क्रिकेट के खेल में नियमों का ठीक प्रकार से संचालन करने के लिए अंपायर की भूमिका बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होती है. लेकिन कई बार ऐसा भी देखने को मिला है कि मैच के दौरान अंपायर गलत निर्णय दे देते हैं और इस दौरान काफी विवाद भी हो जाता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यदि जब अंपायर गलत निर्णय लेते हैं तो उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जाती है. अगर आप इस बारे में नहीं जानते तो आज जरूर जाने.
अंपायर द्वारा गलत निर्णय लेना आम बात है. क्रिकेट की बढ़ती प्रतिस्पर्धा को देखते हुए नियम-निर्माताओं को टेक्नोलॉजी का उपयोग करने वालों के साथ आगे बढ़ने के लिए सही संतुलन बनाना होगा. साथ ही यह भी सुनिश्चित करने की जरूरत है कि गति प्रभावित ना हो, यानी बार-बार रुकावट वाली समस्या पैदा ना हो. हालांकि मैच के दौरान कोई भी अंपायर जानबूझकर गलत फैसला नहीं देता.
बता दें कि आईसीसी के नियम के मुताबिक, अंपायर का फैसला ही अंतिम फैसला माना जाता है. लेकिन कुछ परिस्थितियों में यदि अंपायर गलत निर्णय दे देते हैं तो इस कारण अंपायर के अंको में कटौती की जाती है, जिसका असर उनके कैरियर पर भी पड़ सकता है. यदि कोई अंपायर 1 साल में ज्यादा बार ऐसा करता है तो फिर एक निर्धारित अवधि के लिए अंपायर को मैचों में अंपायरिंग करने से भी रोक दिया जाता है.