ऑस्ट्रेलिया में खेले जाने वाले T20 वर्ल्ड कप के लिए कल भारतीय टीम का ऐलान किया गया. लेकिन इस 15 सदस्यीय टीम में भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को जगह नहीं मिली. बल्कि उन्हें स्टैंडबाई खिलाड़ी के तौर पर रखा गया. मोहम्मद शमी को भारतीय टीम में जगह ना मिलने के बाद काफी आलोचना हो रही है. क्योंकि एशिया कप में भी भारतीय टीम के इस गेंदबाज को जगह नहीं मिली थी. जिस कारण भारतीय टीम को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था और टीम इंडिया फाइनल तक भी नहीं पाई थी. जब एशिया कप में भारतीय टीम के तेज गेंदबाज अच्छी गेंदबाजी नहीं कर पाए तो मोहम्मद शमी को T20 वर्ल्ड कप में चुनने की मांग उठने लगी. लेकिन अगर मोहम्मद शमी के T20 करियर पर नजर डालें तो पता चलता है कि वो T20 प्रारूप में कहीं भी जगह पाने के हकदार नहीं है.
बीते 8 सालों में ऐसा रहा है शमी का प्रदर्शन
मोहम्मद शमी ने साल 2014 में पहला टी20 मैच खेला था. तब से लेकर अब तक 8 सालों में उन्होंने केवल 17 T20 मैच खेले हैं और केवल 18 विकेट चटकाए हैं. उन्होंने 2014 में 4 T20 मैच खेले और पांच विकेट लिए. 2016 में उन्होंने 2 मैच खेले और 3 विकेट हासिल किए. जबकि साल 2017 में उन्हें केवल एक ही T20 मैच खेलने का मौका मिला. 2018 में मोहम्मद शमी एक भी T20 मैच खेलने में कामयाब नहीं हुए. साल 2019 में उन्होंने एक टी-20 मैच खेला और एक विकेट हासिल किया. 2020 में भी उन्होंने चार मैचों में 2 विकेट लिए.
जबकि 2021 के T20 वर्ल्ड कप में मोहम्मद शमी को जगह दी गई थी. उन्होंने 2021 के वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए मैच में 3.5 ओवर गेंदबाजी की और बिना विकेट हासिल किए 46 रन लुटा दिए थे. जबकि न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्होंने 1 ओवर में ही 11 रन लुटा दिए थे. अफगानिस्तान के खिलाफ उन्होंने 32 रन देकर तीन विकेट हासिल किए थे. नामीबिया के खिलाफ खेले गए मैच में उन्होंने 4 ओवर में 39 रन खर्च कर दिए थे और कोई भी विकेट हासिल नहीं किया था. अब तो आपको मोहम्मद शमी के ये आंकड़े देखकर अंदाजा हो गया होगा कि चयनकर्ताओं ने उन्हें T20 वर्ल्ड कप टीम में जगह नहीं दी.