भारत और वेस्टइंडीज के बीच किंग्सटन में एक टेस्ट मैच खेला गया था, जो तत्कालीन भारतीय कप्तान का आखिरी मुकाबला साबित हुआ और उसके बाद फिर वह कभी भी भारतीय टीम के लिए मैच नहीं खेल सके. देखते ही देखते उस खिलाड़ी का करियर खत्म हो गया. वह क्रिकेटर कोई और नहीं नारी कांट्रेक्टर हैं, जिनका 7 मार्च को जन्मदिन होता है. उन्हें भारत का बदकिस्मत सितारा कहा जाता है, जिनके पास टैलेंट तो था और उन्हें मौका भी मिला. लेकिन उनकी किस्मत ने उन्हें धोखा दे दिया.
एक गेंद ने उनकी जिंदगी में भूचाल ला दिया. 1961-62 में भारतीय टीम वेस्टइंडीज दौरे पर गई थी और उस समय भारतीय टीम के कप्तान नारी कांट्रेक्टर थे, जिनका यह आखिरी दौरा साबित हुआ. किंगस्टन में खेले गए सीरीज के दूसरे मैच के दौरान उनके सिर पर वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज चार्ली ग्रिफित की तेज रफ्तार बाउंसर गेंद लगी थी. इसके बाद उनका करियर खत्म हो गया.
कई घंटे तक वह जिंदगी और मौत की जंग लड़ते रहे. उनका बहुत सारा खून बह गया था और उन्हें बचाने के लिए वेस्टइंडीज टीम के कप्तान फ्रैंक वॉरेल ने अपना खून भी दिया था. 6 दिन तक नारी कांट्रेक्टर बेहोश रहे थे. लेकिन उनकी जान तो बच गई. पर जब तक वह होश में आए, तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था. उनके लिए भारतीय टीम के दरवाजे भी बंद हो गए. उन्होंने 2 साल बाद फर्स्ट क्लास क्रिकेट में वापसी की. लेकिन उनका अंतरराष्ट्रीय करियर खत्म हो गया.