भारतीय क्रिकेट का इतिहास बहुत ही पुराना है. वर्तमान में टीम इंडिया क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट की सबसे टीम सबसे मजबूत टीम मानी जाती है. भारतीय क्रिकेट को इतना कामयाब बनाने में कई खिलाड़ी और कप्तानों का महत्वपूर्ण योगदान रहा. महेंद्र सिंह धोनी, सौरव गांगुली, कपिल देव जैसे कप्तानों ने भारतीय टीम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया और खूब सफलता हासिल की. लेकिन कई कप्तान ऐसे भी रहे जिनकी कप्तानी ज्यादा सफल नहीं रही. कई खिलाड़ियों को केवल एक ही मैच में कप्तानी का मौका मिला. आज हम आपको भारतीय टीम के उन कप्तानों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें एक ही टेस्ट मैच में टीम इंडिया की कप्तानी का मौका मिला.
रवि शास्त्री
भारतीय टीम के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री भारतीय टीम के लिए खेलते हुए कप्तानी भी कर चुके हैं. लेकिन उन्हें केवल एक ही टेस्ट मैच में टीम इंडिया की कप्तानी करने का मौका मिल सका. रवि शास्त्री ने 11 जनवरी 1988 में चेन्नई में खेले गए एक मैच के दौरान भारतीय टीम की कप्तानी की थी. इस मुकाबले में टीम इंडिया ने 255 रनों से जीत हासिल की थी. लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें कभी भी कप्तानी का मौका नहीं दिया गया.
चंदू बोर्डे
1967-68 में टीम इंडिया के इंग्लैंड दौरे पर चंदू बोर्डे को भारतीय टीम की कप्तानी का मौका मिला था. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस मैच में भारतीय टीम को 146 रनों के बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद कभी भी चंदू बोर्डे को टीम इंडिया की कमान नहीं सौंपी गई.
हेमू अधिकारी
1958-59 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेली गई घरेलू सीरीज के दूसरे टेस्ट मुकाबले में हेमू अधिकारी को टीम इंडिया की कप्तानी सौंपी गई थी. दिल्ली में खेले गया यह मुकाबला ड्रॉ पर खत्म हुआ था. सीरीज के दौरान भारत के चार कप्तान बदले गए थे. लेकिन इस मुकाबले के बाद अधिकारी को कभी भी टेस्ट में कप्तानी करने का मौका नहीं मिला.
पंकज रॉय
1959 में भारत के इंग्लैंड दौरे पर पंकज रॉय ने दूसरे टेस्ट में कप्तानी की थी. इस मुकाबले में इंग्लैंड की टीम ने भारत को 8 विकेट से हराया था. इसके बाद कभी भी पंकज रॉय भारतीय टीम के कप्तान नियुक्त नहीं किए गए.