जब आप टीम में खेलते हैं तो आपको खुद से ज्यादा टीम की भलाई के बारे में सोचना होता है. आप जो कर रहे हैं, उससे टीम को फायदा हो रहा है या नहीं, यह देखना पड़ता है. हर खिलाड़ी खुद से ज्यादा टीम के लिए सोचता है. आज हम आपको ऐसे ही क्रिकेटरों के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने टीम की भलाई के लिए बलिदान दिया और नई मिसाल कायम की.
रॉबिन उथप्पा
रॉबिन उथप्पा ने श्रीलंका के विरुद्ध खेले गए वनडे मैच में रोहित शर्मा के लिए अपने विकेट का बलिदान दिया था. उस मैच में रोहित शर्मा ने 264 रन की यादगार पारी खेली थी. अगर उथप्पा ने रोहित को स्ट्राइक नहीं दी होती तो शायद वह इतना बड़ा स्कोर खड़ा नहीं कर पाते.
जवागल श्रीनाथ
1999 में पाकिस्तान के विरुद्ध खेले गए मैच में अनिल कुंबले ने दूसरी पारी में 9 विकेट ले लिए थे. इस दौरान जवागल श्रीनाथ से भी गेंदबाजी कराई गई. लेकिन उन्होंने विकेट नहीं लिया था, ताकि अनिल कुंबले अपने 10 विकेट पूरे कर सकें.
रिचर्ड हैडली
रिचर्ड हेडली ने 1995 में खेले गए एक मैच में 9 विकेट चटकाए थे. वह 10 विकेट ले सकते थे. लेकिन उन्होंने अपने साथी गेंदबाज की गेंद पर कैच पकड़ लिया था.
मार्क टेलर
मार्क टेलर ने 1998 में पाकिस्तान के विरुद्ध मैच में 334 रन पर पारी घोषित कर दी थी. जबकि उस समय वह डॉन ब्रैडमैन के 334 रनों का रिकॉर्ड तोड़ सकते थे.
गौतम गंभीर
जब टीम इंडिया 2009 में श्रीलंका के विरुद्ध 316 रन का लक्ष्य पूरा करने उतरी तो विराट ने अपना पहला शतक लगाया था. उस मैच में गौतम गंभीर को मैन ऑफ द मैच अवार्ड के लिए बुलाया गया. लेकिन यह अवार्ड गंभीर ने कोहली को दे दिया था. जबकि उन्होंने उस मुकाबले में नाबाद 150 रन बनाए थे.