क्रिकेट के मैदान पर आए दिन रिकॉर्ड बनते और टूटते रहते हैं. लेकिन कुछ ऐसे रिकॉर्ड भी बन जाते हैं, जिनका टूटना शायद मुश्किल ही होता है. एक ऐसा ही रिकॉर्ड आज से 135 साल पहले बना था, जो अभी तक नहीं टूटा है. यह रिकॉर्ड है एक मैच में 23 खिलाड़ियों के बोल्ड होने का. ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच फरवरी-मार्च 1887 में सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर एक टेस्ट मैच खेला गया था जिसमें कुल 40 विकेट गिरे थे. 2 गेंदबाजों ने तो आठ-आठ खिलाड़ियों को बोल्ड किया था.
उस मुकाबले में इंग्लैंड की टीम टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी. पहली पारी में इंग्लैंड की टीम केवल 151 रन बना पाई थी. इंग्लैंड टीम के 6 खिलाड़ी बोल्ड हुए थे. ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज चार्ली टर्नर ने पहली पारी में 5 में से 4 बल्लेबाजों को आउट किया था. पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया की टीम भी कुछ खास नहीं कर पाई और 84 रन पर ढेर हो गई.
इंग्लैंड की तरफ से तेज गेंदबाज जॉर्ज लोहमैन ने 8 विकेट चटकाए थे जिसमें से सात बल्लेबाज बोल्ड आउट हुए थे. दूसरी पारी में इंग्लैंड की टीम 154 रन बनाकर सिमट गई. चार्ली टर्नर ने दूसरी पारी में 4 विकेट हासिल किए थे और उन्होंने सभी बल्लेबाजों को बोल्ड किया था.
इसके बाद ऑस्ट्रेलिया की टीम जब चौथी पारी में 222 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी तो 150 रन बनाकर ढेर हो गई. उस मुकाबले में इंग्लैंड की टीम ने 71 रन से जीत हासिल की थी. लोहमैन और टर्नर ने आठ-आठ खिलाड़ियों को बोल्ड करने का रिकॉर्ड बनाया था. अब तक क्रिकेट इतिहास में केवल एक ही बार ऐसा हुआ है जब एक मैच में 23 खिलाड़ी बोल्ड आउट हुए हो.