क्रिकेट को जेंटलमैन गेम कहा जाता है. क्रिकेट के खेल में कई ऐसे पल आते हैं जब अंपायर और मैच रेफरी को कई कड़े फैसले लेने पड़ते हैं. कई बार तो खिलाड़ियों पर मैंच में गलती करने पर बैन भी लगा दिया जाता है. लेकिन आज हम आपको क्रिकेट की दुनिया की एक ऐसी टीम के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे 21 सालों के लिए बैन कर दिया गया था. इस टीम के खिलाड़ी बर्बाद हो गए थे.
70 के दशक में आईसीसी ने दक्षिण अफ्रीका की टीम को 21 साल के लिए बैन कर दिया था. इसकी शुरुआत दक्षिण अफ्रीका सरकार की रंगभेद नीति के कारण हुई थी. दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने रंगभेद नीति में कुछ ऐसे नियम बनाए गए जिससे आईसीसी को दुविधा में डाल दिया. सरकार के नियमों के मुताबिक, उनके देश की उनकी देश की टीम को श्वेत देशों के खिलाफ खेलने की इजाजत थी. साथ ही यह शर्त थी कि विपक्षी टीम में श्वेत खिलाड़ी ही खेलेंगे.
आईसीसी द्वारा दक्षिण अफ्रीका की टीम को निलंबित करने के बाद कई बड़े खिलाड़ियों का भविष्य बर्बाद हो गया और कई क्रिकेटर का कैरियर तो इसी इंतजार में खत्म हो गया कि कब दक्षिण अफ्रीका की टीम से बैन हटेगा. पूरे 21 साल बाद दक्षिण अफ्रीका में बदलाव आया और रंगभेद की नीति को खत्म कर दिया गया.
इसके बाद 10 नवंबर, 1991 को दक्षिण अफ्रीका ने भारत के विरुद्ध अपना पहला ओडीआई मैच खेला. यह मैच भारतीय टीम ने जीता था. 1989 में दक्षिण अफ्रीका की टीम को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम का दर्जा मिला था. लेकिन बैन लगने के बाद 1992 में टीम को अपना पहला वर्ल्ड कप खेलने का मौका मिला. 1991 में बैन हटाया गया था. लेकिन लंबे समय तक प्रैक्टिस ना करने की वजह से टीम वर्ल्ड कप के शुरुआती मुकाबलों से ही बाहर हो गई थी.