क्रिकेट का इतिहास बहुत पुराना है. पहले टेस्ट क्रिकेट ही खेला जाता था. क्रिकेट इतिहास में 5 जनवरी 1971 का दिन सुनहरे अक्षरों में दर्ज है. इस दिन क्रिकेट का खेल हमेशा के लिए बदल गया. नवंबर 1970 में इंग्लैंड की टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर एशेज सीरीज खेलने गई थी. उस समय एशेज सीरीज में 6 टेस्ट मैच खेले जाते थे. सीरीज के दो मुकाबले खत्म हो चुके थे और तीसरा टेस्ट मैच 19 दिसंबर से शुरू होना था. लेकिन बारिश के चलते पहले 3 दिनों का खेल नहीं हो पाया, जिस वजह से मैच को रद्द करने का फैसला किया गया.
उस समय इंश्योरेंस कराने का चलन नहीं था, जिस वजह से आयोजकों को काफी नुकसान हुआ था. दर्शकों को टिकट का पैसा वापस करना पड़ा था. तब नुकसान की भरपाई के लिए सातवां टेस्ट मैच कराने का निर्णय किया गया. लेकिन इंग्लिश खिलाड़ी अतिरिक्त टेस्ट मैच खेलने के लिए अतिरिक्त पैसे मांगने लगे. तब दोनों देशों के अधिकारियों ने यह तय किया कि दोनों टीमों के बीच 40-40 ओवरों का एक वनडे मैच आयोजित किया जाए. लेकिन उस समय इस मैच के लिए स्पॉन्सर नहीं मिल रहे थे.
तब तंबाकू उत्पाद बनाने वाली एक कंपनी ने मैच को स्पॉन्सर किया और वह भी केवल 5000 पाउंड में. 5 जनवरी 1971 को मेलबर्न क्रिकेट स्टेडियम में यह मुकाबला खेला गया था. उस मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड इलेवन की टीम 39.4 ओवर में 190 रन बनाकर आउट हो गई, जिसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया-11 ने लक्ष्य हासिल कर लिया. उस मैच में दर्शकों की भारी भीड़ आई थी. 46,000 दर्शकों ने यह मैच स्टेडियम में बैठकर देखा था. इस मैच की लोकप्रियता को देखते हुए आईसीसी ने इसे अंतरराष्ट्रीय मैच की मान्यता प्रदान की और इस तरह से वनडे क्रिकेट की शुरुआत हुई.