अगर किसी खिलाड़ी को महान बनना है तो उसे पहले खुद को साबित करना पड़ता है. खिलाड़ी को मैदान पर आखिरी मौका समझकर उतरना होता है, तभी वह अपने करियर में बड़े मुकाम पर पहुंच पाता है. मौजूदा समय में दुनिया में एक से बढ़कर एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं. लेकिन कुछ क्रिकेटर ऐसे भी रहे हैं जिनका शुरुआती करियर बहुत खराब रहा. लेकिन फिर वह अपने देश के सबसे बेहतरीन क्रिकेटर बन गए. आज हम आपको एक ऐसे ही क्रिकेटर की कहानी बताने वाले हैं, जिसे दूसरा टेस्ट रन बनाने में 6 साल लग गए. लेकिन फिर उसने टेस्ट में 6 दोहरे शतक बना डाले.
ये कहानी है पूर्व श्रीलंकाई क्रिकेटर और कप्तान मारवान अटापट्टू की, जिन्होंने भारत के खिलाफ नवंबर 1990 में खेले गए टेस्ट से अपना अंतरराष्ट्रीय करियर शुरू किया था. उनका करियर 17 साल का रहा. इस दौरान उन्होंने काफी उतार-चढ़ाव देखे. मारवान अटापट्टू अपने पहले टेस्ट की दोनों पारियों में बिना रन बनाए ही आउट हो गए थे, जिस वजह से वह टीम से बाहर हो गए.
इसके बाद उन्हें 2 साल बाद दूसरा टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला और उस मुकाबले में पहली पारी में वह शून्य पर और दूसरी पारी में 1 रन बनाकर आउट हो गए. इसके बाद वह टीम से अंदर-बाहर होते रहे. लेकिन 1996 में उनका करियर परवान चढ़ा. फिर वह आगे बढ़ते गए और उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. अपने टेस्ट करियर में मारवान अटापट्टू ने 6 दोहरे शतक लगाए. उन्होंने टेस्ट में 5000 से ज्यादा रन बनाए, जबकि वनडे में 8000 से ज्यादा रन बनाए.