Thu, 29 Sep 2022

दसवीं में 3 बार फेल हुआ था भारतीय टीम का ये स्टार ऑलराउंडर, सरकारी नौकरी ठुकरा कर बना क्रिकेटर

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भारतीय क्रिकेट टीम में एक से बढ़कर एक बेहतरीन खिलाड़ी है, जो कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खूब धमाल मचाते हैं. इनमें से कुछ क्रिकेटर बहुत ही ज्यादा पढ़े लिखे हैं. लेकिन कुछ क्रिकेटर ऐसे भी हैं जो कि केवल 10वीं या 12वीं पास है, आज हम आपको भारतीय टीम के उस खिलाड़ी के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि दसवीं कक्षा में 3 बार फेल हुआ था. इतना ही नहीं उस क्रिकेट सरकारी नौकरी का ऑफर ठुकरा दिया था और क्रिकेट में अपना करियर बनाया.

हम बात कर रहे हैं भारतीय टीम के स्टार ऑलराउंडर खिलाड़ी क्रुणाल पांड्या की. क्रुणाल पांड्या सीमित ओवर क्रिकेट के बहुत ही शानदार क्रिकेटर है. क्रुणाल पांड्या की पर्सनल लाइफ बहुत ही मुश्किलों भरी रही. एक बार खुद क्रुणाल पांड्या ने क्रिकबज के शो स्पाइसी पिच में कई खुलासे किए थे. इस दौरान कुणाल ने बताया था कि उनकी और हार्दिक के ज्यादा दोस्त नहीं थे. दोनों स्कूल जाते थे और ग्राउंड पर चले जाते थे. 

इस दौरान क्रुणाल ने यह भी बताया कि वह दसवीं कक्षा में 3 बार फेल हुए थे. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और उसके बाद उन्होंने कॉलेज के पास किया. क्रुणाल पांड्या ने दौरान कहा था कि उनको कहीं ना कहीं डर था कि अगर क्रिकेट में उनका कुछ नहीं हुआ तो शिक्षा बहुत जरूरी है. यदि वह पढ़ लेंगे तो कुछ ना कुछ जरूर कर लेंगे. हालांकि क्रुणाल पांड्या ने काफी मेहनत की और भारतीय टीम में भी जगह बनाने में कामयाबी हासिल की.

इस इंटरव्यू के दौरान क्रुणाल पांड्या ने यह भी बताया था कि जब वह क्रिकेट में संघर्ष कर रहे थे तब उन्हें सरकारी नौकरी का ऑफर मिला था. लेकिन उन्होंने उसे रिजेक्ट कर दिया. इसी वजह से आज उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल गई. क्रुणाल पांड्या ने बताया कि उस समय स्पीड पोस्ट में सरकारी नौकरी निकली थी, ट्रायल के लिए मुझे लेटर आया. पापा ने कहा कि 25 से 30,000 की नौकरी मिल जाएगी. उस दिन मेरे ट्रायल मैच थे. 

मैंने सोचा कि पिछले दो ढाई साल से मैंने मेहनत की है लेकिन नौकरी के लिए नहीं, फिर मैंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए ट्रायल मैच खेलने का फैसला किया और सरकारी नौकरी का लेटर फाड़ दिया. मैंने ट्रायल मैच में अच्छा प्रदर्शन किया और बड़ौदा टीम में जगह बनाई. इस दौरान क्रुणाल पांड्या ने यह भी बताया कि जब वह 6 साल के थे तभी उनके पिता ने उनके अंदर के टैलेंट को पहचाना और बड़ौदरा शिफ्ट होने का फैसला किया.

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