आम इंसान हो या कोई सेलिब्रिटी, हर किसी की जिंदगी में खराब समय जरूर आता है. क्रिकेटर भी इससे अछूते नहीं है. कई बार क्रिकेटरों को खराब प्रदर्शन के चलते आलोचना का सामना करना पड़ता है, जिसके बाद उनके करियर पर भी सवाल खड़े होने लगते हैं. कई बार ऐसा भी देखा गया है कि क्रिकेटरों को फैंस और मीडिया के दबाव के चलते क्रिकेट से संन्यास लेना पड़ता है. आज हम आपको उन्हीं क्रिकेटरों के बारे में बता रहे हैं.
सौरव गांगुली
पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने टीम इंडिया को ऊंचाइयों तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. लेकिन 2008 में उनके क्रिकेट करियर का ऐसा दौर आया जब उनके प्रदर्शन से फैंस को काफी निराशा हुई. जिसके बाद 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज खेलने के बाद सौरव गांगुली ने संन्यास का फैसला किया. 2008 में श्रीलंका में खेली गई टेस्ट सीरीज के दौरान सौरव गांगुली का बल्ला बिल्कुल खामोश रहा. इसी दबाव के चलते उन्हें संन्यास लेना पड़ा.
अनिल कुंबले
पूर्व भारतीय स्पिनर गेंदबाज अनिल कुंबले के नाम टेस्ट और वनडे क्रिकेट में टीम इंडिया की ओर से सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड दर्ज है. लेकिन कुंबले के करियर में एक समय ऐसा भी आया जब वह एक-एक विकेट के लिए जूझते हुए नजर आए और मीडिया ने उनके करियर पर ब्रेक लगाने की बातें शुरू कर दी थी. 2008 में ऑस्ट्रेलिया सीरीज के बीच में ही कुंबले ने संन्यास की घोषणा कर दी.
वीवीएस लक्ष्मण
टीम इंडिया के मध्यक्रम के बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने अपने क्रिकेट करियर में एक से बढ़कर एक रिकॉर्ड बनाए. लेकिन उनके कैरियर में भी ऐसा दौर आया जब उनके बल्ले से रन नहीं निकले. उनके इस खराब प्रदर्शन के बाद मीडिया में लगातार उनके संन्यास को लेकर सवाल उठने लगे. 2011 के इंग्लैंड दौरे के बाद उन्होंने 2012 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी.
महेंद्र सिंह धोनी
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की गिनती विश्व के बेहतरीन फिनिशरों और कप्तानों में की जाती है. लेकिन कई बार धोनी को आलोचनाओं से भी गुजरना पड़ा. हर बार धोनी के संन्यास लेने के बारे में सवाल खड़े किए जाते रहे. लेकिन धोनी ने इसको नजरअंदाज किया और अपने करियर पर फोकस किया. 2019 के विश्व कप धोनी को टीम इंडिया से बाहर किया गया तो उन्होंने 2020 में 15 अगस्त के दिन संन्यास की घोषणा कर दी.