Aug 18, 2022, 11:16 IST

जब मैच में लगे 9 शतक, लेकिन 1008 रन बनाकर भी 354 रनों से मुकाबला हार गई थी टीम

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क्रिकेट के खेल में कुछ भी असंभव नहीं है. क्रिकेट के खेल में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जो कि कल्पना से भी परे होती हैं. कई बार टीमें हजार रन बनाकर भी 300 के अंतर से हार जाती हैं. आज हम आपको एक ऐसे ही अद्भुत मुकाबले के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें 2300 से भी ज्यादा रन बने थे. इस मैच में 9 शतक लगे थे.

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1949 में आज ही के दिन 11 मार्च को मुंबई और महाराष्ट्र बीच पुणे में एक मुकाबला खेला गया था. यह रणजी ट्रॉफी का सेमीफाइनल मुकाबला था. इस मैच में मुंबई की टीम पहले बैटिंग करने उतरी थी. इस मैच में मुंबई की ओर से माधव मंत्री ने दोहरा शतक लगाया और उदय मर्चेंट और दत्तू फडकर ने भी शतकीय पारियां खेली. मुंबई की टीम ने पहली पारी में 651 रन बनाए. 
जब महाराष्ट्र की टीम बल्लेबाजी करने उतरी तो उनकी ओर से मनोहर दातार और मधुसूदन रेगे ने शतक लगाया. लेकिन इसके बावजूद भी वो 400 रन ही बन पाए. मुंबई को पहली पारी में 244 रन की बढ़त हासिल हुई. 200 रन की बढ़त हासिल करने के बावजूद भी मुंबई की टीम ने दूसरी पारी में अलग ही अंदाज में बैटिंग की. मैच के छठवें दिन मुंबई की टीम ने आठ विकेट पर 714 रन पर पारी घोषित कर दी. मुंबई की ओर से पहली पारी में शतक लगाने वाले मनोहर दातार और मधुसूदन रेगे ने दूसरी पारी में भी शतक लगाया और महाराष्ट्र को जीत के लिए 959 रनों का लक्ष्य दिया. 
महाराष्ट्र की टीम ने लक्ष्य का पीछा करते हुए बेहतरीन पारियां खेली. महाराष्ट्र की ओर से मधुसूदन रेगे ने दूसरी पारी में शतक लगाया. अन्य खिलाड़ियों ने भी बेहतरीन योगदान दिया. उस मैच में चौथी पारी महाराज की टीम ने 1008 रन बनाए थे. इसके बावजूदजी महाराष्ट्र की टीम 354 रनों से यह मुकाबला हार गई. इस मैच में बल्लेबाजों ने कुल 9 शतक लगाए थे और कुल 2376 रन बने थे. आज भी प्रथम श्रेणी क्रिकेट में यह एक मैच में सबसे ज्यादा रनों का रिकॉर्ड है.

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